मनोरंजन

गोधरा कांड पर आधारित ‘The Sabarmati Report’, विक्रांत मैसी की फिल्म पर विवाद क्यों?

साल 2002 का फरवरी महीना, तारीख 27। यह वही दिन था जब गुजरात के गोधरा नामक स्थान पर साबरमती एक्सप्रेस के S-6 कोच में आग लगा दी गई। इस कोच में अयोध्या से लौट रहे करसेवक सवार थे। इस भीषण आगजनी में 59 लोग जिंदा जल गए। यह घटना न केवल गुजरात बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ा झटका थी।

गोधरा कांड के बाद हुए गुजरात दंगे

गोधरा कांड के ठीक एक दिन बाद, 28 फरवरी 2002 को गुजरात में साम्प्रदायिक दंगे भड़क उठे। अहमदाबाद और आसपास के इलाकों में ये दंगे करीब तीन महीने तक चलते रहे। इन दंगों में लगभग 1000 लोगों की जान चली गई। यह घटना स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे भयावह साम्प्रदायिक त्रासदियों में से एक मानी जाती है।

गोधरा कांड के समय गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी

गोधरा कांड के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी थे। इस घटना के कुछ दिनों बाद, 2 मार्च 2002 को नरेंद्र मोदी ने इस मामले की जांच के लिए नानावटी-शाह आयोग का गठन किया। इस आयोग में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के रिटायर्ड जजों, केजी शाह और जीटी नानावटी को शामिल किया गया।

गोधरा कांड: एक साजिश या हादसा?

सितंबर 2008 में इस आयोग ने अपनी पहली रिपोर्ट पेश की, जिसमें गोधरा कांड को एक सुनियोजित साजिश करार दिया गया। आयोग ने उस समय के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्रियों को क्लीन चिट दी।

गोधरा कांड पर आधारित 'The Sabarmati Report', विक्रांत मैसी की फिल्म पर विवाद क्यों?

video
Bhojpuri Song: निरहुआ और आम्रपाली दुबे का हॉट और रोमांटिक सॉन्ग हुआ वायरल, देखे जल्दी

2009 में जज केजी शाह की मृत्यु के बाद, आयोग में गुजरात हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस अक्षय मेहता को शामिल किया गया और आयोग का नाम बदलकर नानावटी-मेहता आयोग कर दिया गया। आयोग की दूसरी रिपोर्ट 2019 में आई, जिसमें पहली रिपोर्ट की ही बातों को दोहराया गया।

कोर्ट का फैसला और मौजूदा स्थिति

मार्च 2011 में ट्रायल कोर्ट ने गोधरा कांड में 31 लोगों को दोषी ठहराया। इनमें से 11 को मौत की सजा और बाकी 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई, जबकि 63 अन्य को बरी कर दिया गया।

2017 में गुजरात हाई कोर्ट ने मौत की सजा पाए 11 लोगों की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। राज्य सरकार ने इस फैसले के खिलाफ अपील की, जिसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 15 जनवरी 2025 को होनी है।

‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म और विवाद

विक्रांत मैसी की मुख्य भूमिका वाली फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ गोधरा कांड और गुजरात दंगों पर आधारित है। इस फिल्म का निर्देशन धीरज सरना ने किया है और इसे शोभा कपूर, एकता कपूर, अमुल वी मोहन और अंशुल मोहन ने प्रोड्यूस किया है। फिल्म 15 नवंबर 2024 को रिलीज़ हुई।

फिल्म को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब इसका ट्रेलर रिलीज़ हुआ। विक्रांत मैसी को धमकियां भी मिलीं। विक्रांत का कहना है कि गुजरात दंगों की बात तो सब करते हैं, लेकिन गोधरा कांड में मारे गए 59 लोगों के बारे में आज भी ज्यादा चर्चा नहीं होती।

Bhojpuri Song
Bhojpuri Song: आम्रपाली दुबे और अरविंद के इस रोमांटिक सॉन्ग ने मचाया धमाल, देखे जल्दी

फिल्म की कहानी और उद्देश्य 

‘द साबरमती रिपोर्ट’ का उद्देश्य गोधरा कांड और उसके बाद की घटनाओं पर चर्चा करना है। यह फिल्म उस दर्दनाक घटना के पहलुओं को सामने लाने की कोशिश करती है, जिसे कई बार अनदेखा कर दिया गया।

गोधरा कांड और गुजरात दंगे भारत के इतिहास का एक ऐसा अध्याय हैं, जो आज भी चर्चा और विवाद का विषय बने हुए हैं। ‘द साबरमती रिपोर्ट’ जैसी फिल्में इन घटनाओं को समझने और उनसे सबक लेने का एक माध्यम बन सकती हैं।

Back to top button